अधनस्य कुतो मित्रम् ,अमित्रस्य कुतः सुखम् ॥ पहली – पहली बार जब किसी हिरण शावक ने संसार में नेत्र खोला और अंगड़ाई लेकर उठा तो माता मृग के सामने आई और स्तन पान कराकर उसकी क्षुधा शांत की। संसार में आने पर मां के ही सुखद, स्नेहशील स्पर्श से https://www.youtube.com/watch?v=GMMWwN9ho2U&t=6s
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